Menu
blogid : 12550 postid : 42

दो खान सलमान व इमरान व दोनो का सबर जीत पर वयान

ज्ञान कुसुम
ज्ञान कुसुम
  • 26 Posts
  • 9 Comments


दो खानों का सबर जीत के बारे में वयान एक का भारत में दूसरे का पाकिस्तान में क्या कहीं  आपस में कोई सम्बन्ध तो नही रखता दोनो के बयान एक जैसे एक ने भारत में खुलकर सबरजीत की पैरबी की वहीं गुपचुप फोन पर सबर जीत की बहिन को चुप रहने की हिदायत भी दी ।वहीं दूसरी ओर इमरान खान ने पाकिस्तान में खुलकर सबरजीत को फांसी की माँग की तो दूसरी ओर फोन पर गुपचुप  सबरजीत के परिवार वालों को बताया कि वह उनका ब उनके परिबार का सबसे बड़ा हितचिन्तक है।

अब बात करें यदि सलमान खान उर्फ सल्लू मियाँ की तो यह एक ऐसा चरित्र है जिसकी पता नही कि क्या कहना चाहता है क्या करना चाहता है।यह वैसे इस्लामिक कट्टरता से तो भरपूर है पहले भी कभी हिरन मारने के मामले में कभी ऐश्वर्या राय को गाली देने के मामले में तो कभी देश के विरोध में वोलने के मामले में कोई न कोई बिना सिर पैर की हरकत करता रहता है।कुछ अभिनेताओं को छोड़कर यह बात बहुतों  पर ही लागू होती है कि नचेरे कुदेरे न तेरे न मेरे  । भारत में आजकल यह ट्रेन्ड चल पड़ा है कि भारत के वास्तविक नागरिकों को चाहे तो कोई भी गाली दो ,उसके महामानवो को भी गाली दो चोर बताओ लुटेरा बताओ या और कोई भद्दी बात कह दो कुछ भी नही होगा ।जब सी.बी.एस. ई की पुस्तको में गुरु गोविन्द सिंह जी के बारे में गलत सलत लिखाकर वही कितावें गुरुद्वारा प्रवन्धन के स्कूलों में वेहिचक पढ़ाई जा सकती है तो सल्लू मिया ने तो केवल धमकी ही दी है या  और हलके रुप में लें तो केवल नसीहत ही दी है।इसलिए इसमें खफा होने की कोई बात नही है ।एक तरफ कुछ समय से सलमान खान जी इसी सबर जीत की रिहाई के काम में भी तो लगे हुय़ हैं। जब तो किसी लेखक ने नही लिखा अब थोड़ा सा कड़ी बात कह दी तो मुझ जैसा दिमाग बन्द आदमी भी चिल्लाने लगा।

एक औऱ सबर जीत की रिहाई का खेल खेल कर तथा दूसरी औऱ फोन पर सबरजीत की बहिन को चुप रहने की हिदायत देकर सलमान ने अपने अन्दर की हिन्दु व सिखो के प्रति भावना का ही इजहार किया है।उधर पाकिस्तान के खान सहाब के बारे में बात करना ही बैकार है जब हिन्दु के साथ न्याय भारत की ही सरकारे नही कर रहीं तो फिर पाकिस्तान व उसके लोगों के बारे में बात करना ही बैकार है ।

सिक्के का एक पहलू यह भी है कि  बालीबुड अभिनेताओं को वास्तव में अब एक नयी चाह कहैं या कहैं कि प्रायोजित मार्केटिंग की एसी खुमारी चढ़ी है कि हर अभिनेता सुर्खियों में रहना चाहता है।भारत ही नही दुनिया के कई देशों में यह प्रयोग सफल भी रहा है कि किसी फिल्म को सफल बनाने के लिए कुछ थोड़ा सा विवादित अंश डाल दो पहले कुछ लोग विरोध करेंगे फिर लोग यह देखने कि लोग क्यों विरोध कर रहैं है देखने के उद्देश्य से फिल्म देखने आऐंगे और जिस फिल्म के दो पैसे न उठ सके वह भी अरवो खरवो का व्यापार कर जाएगी क्योंकि यह फार्मूला कारगर हो गया है सो शभी उसका लाभ उठाने की नीयत से कुछ न कुछ विवादित करते रहते हैं।

और सबर जीत के मामले में तो तीसरा पहलू यह भी है कि खूब हो हो हल्ला करो पाकिस्तान तो मानेगा नही हाँ तुम्हारा प्रचार जरुर सबरजीत रक्षक के रुप में हो जाएगा।और थोड़ा दबाव सबरजीत के परिवार वालों पर भी डाल दो कि वे सबरजीत -2 का हल्ला न काटें इससे इस्लाम की सेवा भी खूब होगी।और सुर्खियों मे रहने से भारत व पाक के सहित दुनिया के दर्शकों की नजर में भी बने रहोगे।

सो आम के आम गुठलियों के दाम मिलते रहेंगे।मेरे अन्य ब्लाग की पोस्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

तथा मेरे आयुर्वेदिक  ब्लाग की पोस्ट पढ़ने के लिए The Light Of Ayurveda

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply