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वैसे तो प्रभु प्रदत्त शरीर का प्रत्येक अंग अपने आप मे अनुपम है परन्तु आँख,नाक,कान और दाँत इतने ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उनकी रोजाना ही देखभाल वहुत जरुरी है।पुराने समय मे जवकि लोग कोलगेट आदि का नाम भी नही जानते थे तब भी लोगों के दाँत आज के लोगों से कई गुना मजवूत थे।
हमारे नाना जी के लगभग 95 वर्ष की अवस्था मे भी 32के 32 दाँत मोती की तरह चमकते थे।जबकि आज के लोग प्रतिदिन कोलगेट या अन्य दाँतो का मंजन प्रयोग करते हैं फिर भी उनके दाँतों मे पायोरिया,गर्म ठण्डा पानी लगना आदि समस्याए आम हो गयी है। अतः एक बार मैने उनसे दाँतो की मजबूती का राज पूछा तो उन्हौने जो वताया तो मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा क्योंकि उन्हौने जो वस्तुएं वतायी थी वे बड़ी ही सामान्य थीं
उन्हौने बताया कि पिसी हल्दी, नमक व सरसो का तेल मिलाकर पेस्ट सा बना लें तथा डिब्वे में रख ले सुबह इस पेस्ट को दाँतोन या किसी ब्रुश की अथवा उगली के द्वारा दाँतों व मसूड़ों पर लगा लें थोड़ी देर लगा कर रखे फिर बाद में कुल्ला कर लें इस प्रयोग से हिलते हुए दाँत जम जाते हैं दाँतो से पीलापन दुर होकर दाँत विल्कुल सफेद हो जाते हैं।पायरिया अगर है तो नष्ट हो जाएगा।इस प्रयोग करते रहने से कभी भी पायरिया नही होगा।
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